रूस और ईरान के सैन्य रिश्ते किस हद तक आगे पहुंच गए हैं, इस बात का खुलासा रॉयटर्स की रिपोर्ट में हुआ है. अब ये बात बाहर आ चुकी है कि रूस और ईरान का रिश्ता बस सैन्य उपकरण एक दूसरे को बेचने का ही नहीं रहा, बल्कि उन्होंने एक ऐसा अलायंस बना लिया है. जो युद्ध में एक दूसरे की मदद करने के लिए अपने हथियारों के साथ-साथ अपने लोग भी भेज सकते हैं.
यात्रा रिकॉर्ड और रोजगार आंकड़ों की रॉयटर्स की ओर से की गई जांच में पता चला है कि पिछले साल ईरान के साथ रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए कई वरिष्ठ रूसी मिसाइल विशेषज्ञों ने ईरान का दौरा किया था. दो ग्रुप बुकिंग और पैसेंजर लिस्ट की डिटेल वाले डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, पिछले साल 24 अप्रैल और 17 सितम्बर को दो फ्लाइट में मास्को से तेहरान की यात्रा के लिए सात हथियार विशेषज्ञों ने बुक किया.
क्या बताते हैं बुकिंग रिकॉर्ड
बुकिंग रिकॉर्ड में पुरुषों के पासपोर्ट नंबर शामिल हैं, जिनमें से सात में से छह के पासपोर्ट नंबर में ’20’ प्रीफिक्स है. रूसी सरकार एक आदेश और रूसी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर एक दस्तावेज़ के मुताबिक ये प्रीफिक्स यह आधिकारिक राज्य व्यवसाय के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पासपोर्ट को दर्शाता है, जो विदेश में काम करने वाले सरकारी अधिकारियों और विदेश में तैनात सैन्य कर्मियों को जारी किया जाता है.
हालांकि की रॉयटर्स यह पता नहीं लगा पाया है कि ये सातों अधिकारी ईरान में क्या कर रहे थे. लेकिन इजराइल पर हमला भी इसी दौरान किया गया था. ईरानी रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रूसी मिसाइल विशेषज्ञों ने पिछले साल ईरानी मिसाइल उत्पादन स्थलों का कई बार दौरा किया था, जिसमें दो अंडरग्राउंड फैसिलिटी भी शामिल थीं, जिनमें से कुछ दौरे सितंबर में हुए.
मिसाल बेस का किया दौरा
एक पश्चिमी रक्षा अधिकारी, जो रूस के साथ ईरान के रक्षा सहयोग पर नजर रखते हैं ने नाम न बताने का शर्त पर कहा कि सितंबर में ईरान के कैस्पियन सागर तट पर अमीराबाद बंदरगाह से लगभग 15 किमी पश्चिम में एक ईरानी मिसाइल बेस का दौरा किया, जिसकी संख्या अज्ञात है.
नागरिकों की नौकरियों या कार्यस्थलों के बारे में जानकारी रखने वाले रूसी डेटाबेस की समीक्षा के मुताबिक रॉयटर्स की ओर से बताए गए सात रूसी अधिकारी वरिष्ठ सैन्य पृष्ठभूमि है, जिनमें से दो कर्नल और दो लेफ्टिनेंट-कर्नल रैंक के हैं, जिसमें कर, फोन और वाहन रिकॉर्ड शामिल है.