5 फरवरी को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के रावलकोट में एक कार्यक्रम हुआ, जिसका नाम था—”कश्मीर सॉलिडेरिटी और हमास ऑपरेशन ‘अल अक्सा फ्लड’ कॉन्फ्रेंस”. इस इवेंट में हमास के नेता डॉ. खालिद अल-कदूमी शामिल हुए. लेकिन चौंकाने वाली बात यह थी कि इस मंच पर उनके साथ पाकिस्तानी आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के नेता भी मौजूद थे.
यह पहला मौका था जब हमास के किसी बड़े नेता ने PoK में सार्वजनिक रूप से अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. इस इवेंट में आतंकियों ने न केवल भारत विरोधी भाषण दिए बल्कि हमास के झंडे लहराते हुए मोटरसाइकिल और घोड़ों पर सवार होकर शक्ति प्रदर्शन भी किया.
इजराइल ने जताई चिंता, भारत से की ये अपील
हमास नेता की PoK में मौजूदगी के बाद इजराइल ने भारत से इस पर गंभीरता से विचार करने की अपील की है. इजराइल ने साफ तौर पर कहा है कि हमास का पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के साथ गठजोड़ चिंताजनक है और भारत को इसे अपने आतंकी संगठनों की लिस्ट में शामिल करना चाहिए.
फिलहाल, भारत में हमास को “आतंकी संगठन” घोषित नहीं किया गया है. भारतीय कानून गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) के तहत अब तक 44 संगठनों को आतंकवादी घोषित किया गया है, लेकिन इसमें हमास का नाम नहीं है.
ये देश हमास को आतंकी संगठन मानते हैं
अमेरिका (1997 से), यूरोपियन यूनियन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन जैसे देशों ने हमास को आतंकी संगठन घोषित कर रखा है. लेकिन रूस, चीन और तुर्की जैसे कुछ देशों ने अब तक ऐसा नहीं किया है.
7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजराइल में भीषण आतंकी हमला किया था, जिसे इजराइल के इतिहास का सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जाता है. इसके बाद गाजा युद्ध शुरू हुआ, जिसमें हजारों लोगों की जान गई.
भारत-इजरायल के मजबूत रिश्ते और आतंकवाद पर सख्ती
भारत और इजराइल पिछले कुछ वर्षों में अपने रिश्तों को और मजबूत कर चुके हैं. खासकर रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों का तालमेल काफी बढ़ा है, 2002 में स्थापित “भारत-इजराइल जॉइंट वर्किंग ग्रुप ऑन काउंटर-टेररिज्म” हर साल बैठक करता है, जिसमें सीमा सुरक्षा, आतंकी फंडिंग और साइबर सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होती है.